"या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थितानमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:"
अर्थात जो देवी सब प्राणियों में शक्ति रूप से स्थित हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारम्बार नमस्कार है.
शारदीय शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से आरंभ होकर नवमी तिथि तक नवरात्रि का शुभ पर्व सम्पूर्ण भारत में पूर्ण उत्साह के साथ मनाया जाता है. सभी श्रद्धालु इन पावन नौ दिनों तक पूर्ण समर्पण भाव से उपवास रखते हैं तथा दुर्गा माँ के सुमिरन हेतु घरों एवं मंदिरों में कीर्तन का आयोजन किया जाता हैं.
जीवन में समृद्धि एवं नवचेतना का सूचक माने जाने वाला नवरात्रि पर्व का वैज्ञानिक पहलू भी है, कहा जाता है कि दोनों ही नवरात्रि के समय भारत में ऋतुचक्र परिवर्तन आता है, जिससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता पर प्रभाव पड़ता है. ऐसे में निरंतर किये गए उपवास, अल्पाहार एवं कुछ विशेष प्रकार के फलाहार से व्यक्ति का स्वास्थ्य उत्तम रहता है. इसके साथ ही आध्यात्मिक जागरण होने से हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है और वर्तमान में जिस प्रकार कोरोना महामारी ने विश्व भर को त्रस्त किया हुआ है उससे लड़ने के लिए हम सभी को बेहतर प्रतिरोधक क्षमता व पॉजिटिव ऊर्जा की अत्याधिक आवश्यकता है.
शुभता एवं मंगल के प्रतीक नवरात्रि पर्व के इस मंगल अवसर पर आप सभी देशवासियों, सहयोगियों एवं बंधुजनों को हार्दिक मंगल कामनाएं. सभी पर्वों की भांति यह पर्व भी हम सभी को आध्यात्मिकता एवं नवता की सीख प्रदान करता है. आप सभी के जीवन में सुख व समृद्धि का संचार हो, माँ दुर्गा आपको अच्छा स्वास्थ्य व शक्ति प्रदान करें.