Rajeev Dwivedi
  • होम
  • जानें
  • अपडेट
  • संपर्क
  • जन सुनवाई

कोसी नदी अपडेट - मुंगेर जिले की खड़गपुर झील के टूटने का कुफल- परसन्डो गांव की कहानी-1961

  • By
  • Dr Dinesh kumar Mishra
  • November-21-2021
-

84 वर्षीय शुकरु तांती गांव परसन्डो (टाटा आदर्श ग्राम), प्रखंड खड़गपुर, जिला मुंगेर बताते हैं कि हमारा गांव खड़गपुर झील के नीचे लगभग 4 किलोमीटर के आसपास बसा हुआ था। दो-तीन दिन से जोरों की बारिश हो रही थी। परना (जितिया) के बाद का दिन था। सुबह चार बजे के करीब बांध टूटा था। जबरदस्त आवाज हुई, लोग सोये हुए थे। घरों से निकल कर देखा तो पानी आ रहा है। भागने की भी सुध नहीं रही। भाग कर जायेगा भी कहां?

यह बांध परना (जितिया) के दिन टूटा था। लोग छप्पर पर चढ़ गये तो कोई पेड़ पर चढ़ गया। जिसके जो समझ में आया वह किया। बाल-बच्चों, बूढ़े-बुजुर्गों को भी लेकर भागना था। उन्हें छोड़ कर अकेले जा नहीं सकते थे। किसी के हाथ में बच्चा था तो कोई किसी के कंधे पर था। कोई रस्सी की मदद से दूसरे को खींच रहा था तो कोई हाथ बढ़ा कर खींच रहा था।


गांव से बांध की ओर जाने वाली रोड़ी (मूरम) वाली सड़क थी और पास में ही राजपूतों का गांव परसन्डो है। हम लोग उनके यहां मजदूरी करते थे। पानी जब उतरा तो उन लोगों ने कुछ खाने-पीने में मदद की। नीचे से कोई मदद तो तभी पहुंचती जब वह पानी हटता और रास्ता खुलता। रास्ता तो किसी जगह टूट गया था तो कहीं बह गया था। गोवाघड़ी से एक मणि लाल तांती ने काफी मदद की। कपड़ा-लत्ता भिजवाया, खाने-पीने का सामान भिजवाया, थाली-कटोरा दिया, चूड़ा-गुड़ भिजवाया। बहुत मदद की उन्होंने। बाद में भी कई लोग मदद करने के लिये आये।

सबसे बाद में टाटा कंपनी आयी। इस गांव में केवल तीस घर थे। घरों का सामान बह गया था और नीचे जिसके हाथ लगा उसने लूट लिया। सामान पर नाम पता थोड़े ही लिखा था कि पहचान या दावा होता। गैंता-कुदाल, कपड़ा-लत्ता, खुरपी-खांची सब चला गया। हम लोग बेहाथ हो गये थे। जिसको मिला वह भी सामान के बदले पैसा मांगता था। जब कुछ बचा ही नहीं तो पैसा कैसे देते? इतना ही अच्छा हुआ कि गांव का कोई आदमी मरा नहीं जो जैसे जान बचा सकता था उसने वैसे ही जान बचायी।

गांव के एक डॉक्टर या वैद्य थे सहदेव मंडल, जिनकी पत्नी बहते हुए एक पेड़ से जा टकरा गयी थी तो जैसे-तैसे उसे पकड़ कर उसकी एक डाल तक पहुंच गयी और वहीं बैठ गयी। सामने दूसरी डाल पर एक मोटा गेहूंअन सांप भी फंसा था। 36 घंटे तक दोनों आमने-सामने रहे और सांप जहां बैठा था वहीं से उसे डंस सकता था। पानी जब घटा तो वह महिला पेड़ से उतरी और सांप भी पानी में छलांग लगा कर कहीं चला गया। सांप ने महिला को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया। जब मुसीबत साझा हो तो उस समय कोई एक दूसरे को नुकसान नहीं पहुंचाता, सबको अपनी जान की पड़ी रहती है। उस समय का फोटो होता तो आपको दिखाते।

पानी लगता था कि बाप रे बाप। इसी गांव के बौधू मंडल उस समय 12-13 साल के थे बताते हैं कि घर मिट्टी का बना हुआ था उसकी छत लेबारी की (धान की) बनी हुई थी। जंगल पास में होने से लकड़ी मिल जाती थी छानी डालने के लिये। पानी जब चढ़ते-चढ़ते छत की ओर बढ़ने लगा तो कुछ लोग पहले चढ़े और नीचे से लोगों को खींच कर या कंधे पर बैठा कर जैसे तैसे ऊपर भेजा गया। बहुत से नीचे वाले घरों की तो छत पर पानी पहुंच गया था और वह भी तेजी से बढ़ता हुआ पानी था आदमी के डुबान भर। उसमें न तो खड़ा रहना सम्भव था और न ही किसी भी सहारे का भरोसा था। भगवान की दया थी जो उसने बचा लिया।

हमारे गांव की जमीन खड़गपुर के पृथ्वी बाबू की थी, जिस पर टाटा कम्पनी वालों ने घर बनवाया जिसे अब टाटा आदर्श ग्राम, परसन्डो-नया टोला कहते हैं। हम लोगों के लिए एक कमरे का घर था। उसके बाद जैसे-जैसे लोगों के पास पैसा या जुगाड़ होता गया, घर वाले ने उसका विस्तार कर लिया।

अभी हम लोग इसी जगह रहते हैं। यह पुराने गांव की जगह पर ही बनाना है। हमारे गांव से परिचित एक मणिलाल तांती, जो दूर के एक गांव के रहने वाले थे, की मदद पहुंचने में 24 घंटे लगे थे और सरकार 72 घंटे में हमारे यहां पहुंची। मणिलाल ने अल्यूमीनियम का कटोरा दिया, कुछ और बर्तन दिया। मूढ़ी, चूड़ा आदि खाने के लिये दिया। दो-तीन दिन का मिला होगा, फिर दूसरी पब्लिक आयी, कुछ दिया। ऐसे ही कुछ दिन चला।

धीरे-धीरे दूसरे गांव में मरम्मत के लिये लोगों को मजदूरों की जरूरत हुई तो काम मिलने लगा। मजदूरी में एक पइला अनाज मिलता था। पइला एक नपना होता है और तीन पइला में लगभग एक किलो अनाज आता है। नापने वाला शरारत करता था कि पइला मैं अपना अंगूठा या उंगली घुसा कर देता था जिससे माल कम हो जाता था। मजदूरी इतनी ही मिल पाती थी कि जैसे-तैसे पेट भर जाये। कभी उतना भी नहीं होता था कि पूरे परिवार का पेट भर जाये। इस कमी को पूरा करने के लिये जंगल-झाड़ से लकड़ी काट कर हम लोग लाते थे और जलावन ले जाकर कहीं-कहीं बेच देते थे तो कुछ पैसा मिल जाता था। जंगल में कुछ मौसमी फल मिल जाता था पर उसे खरीदने वाले यहां कितने थे? जो खरीदेगा उसके पास भी तो पैसा होना चाहिये। वह किसके पास था? फिर फलों का भी तो मौसम होता है और उसकी खरीदारी यहां का लोकल आदमी तो करेगा नहीं और बाहर वाला यहां आयेगा क्यों?

अब तो हम लोग बाहर चले जाते हैं काम के लिये। दिल्ली, पंजाब जाते हैं। समय बदल गया है सो अब यह भी कोई नहीं कहता है कि हमारी जमीन खाली करो। हमारे बच्चे अब पढ़ने लगे हैं। निरक्षर से साक्षर हुए हैं भले ही सरकारी नौकरी में कोई नहीं है। अब यह बच्चे केवल यही काम नहीं खोजते हैं बाहर भी चले जाते हैं।

श्री शुकरु तांती

हमसे ईमेल या मैसेज द्वारा सीधे संपर्क करें.

क्या यह आपके लिए प्रासंगिक है? मेसेज छोड़ें.

More

एडवोकेट राजीव द्विवेदी-अहिंसा के प्रतीक, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी  महात्मा गांधी स्मृति दिवस  जी को उनकी पुण्यतिथि पर विनम्र नमन

एडवोकेट राजीव द्विवेदी-अहिंसा के प्रतीक, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी महात्मा गांधी स्मृति दिवस जी को उनकी पुण्यतिथि पर विनम्र नमन

निरंतर विकास जीवन का नियम है, और जो व्यक्ति खुद को सही दिखाने के लिए हमेशा अपनी रूढ़िवादिता को बरकरार रखने की कोशिश करता है वो खुद को गलत स्...

Details
एडवोकेट राजीव द्विवेदी-राजेंद्र सिंह जी जयंती राजेंद्र सिंह जी जयंती राजेंद्र सिंह जी पर उन्हें  शत शत नमन

एडवोकेट राजीव द्विवेदी-राजेंद्र सिंह जी जयंती राजेंद्र सिंह जी जयंती राजेंद्र सिंह जी पर उन्हें शत शत नमन

राजेंद्र सिंह का जन्म 29 जनवरी को हुआ था, वो बचपन से ही दिलेर थे। प्राइमरी की शिक्षा पूरी होने पर इन्हें डीएवी कॉलेज लाहौर में भेज दिया गया।...

Details
एडवोकेट राजीव द्विवेदी-जॉर्ज फ़र्नान्डिस जी जयंती जॉर्ज फ़र्नान्डिस जी  पुण्यतिथि  जॉर्ज फ़र्नान्डिस जी पर उन्हें  शत शत नमन

एडवोकेट राजीव द्विवेदी-जॉर्ज फ़र्नान्डिस जी जयंती जॉर्ज फ़र्नान्डिस जी पुण्यतिथि जॉर्ज फ़र्नान्डिस जी पर उन्हें शत शत नमन

जॉर्ज फ़र्नान्डिस एक भारतीय राजनेता थे। वे श्रमिक संगठन के भूतपूर्व नेता, तथा पत्रकार थे। वे भारत के केन्द्रीय मंत्रिमण्डल में ऱक्षा मंत्री,...

Details
एडवोकेट राजीव द्विवेदी-लाला लाजपत राय जी की जयंती 	 लाला लाजपत राय जयंती पर उन्हें कोटि कोटि नमन

एडवोकेट राजीव द्विवेदी-लाला लाजपत राय जी की जयंती लाला लाजपत राय जयंती पर उन्हें कोटि कोटि नमन

लाल, बाल, पाल त्रयी के मजबूत आधारभूत स्तंभ लाला लाजपत राय भारत के उन चुनिंदा स्वतंत्रता सेनानियों में आते हैं, जिन्होंने संघर्ष को भारत माता...

Details
एडवोकेट राजीव द्विवेदी-सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा   गणतंत्र दिवस  भारतीय लोकतंत्र के महोत्सव गणतंत्र दिवस की सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं

एडवोकेट राजीव द्विवेदी-सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा गणतंत्र दिवस भारतीय लोकतंत्र के महोत्सव गणतंत्र दिवस की सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं

हमारा गणतंत्र दिवस भारत वर्ष के लिए स्वर्ण दिन माना जाता है, क्योंकि इस दिन हमारा भारत एक पूर्ण लोकतान्त्रिक गणराज्य बना था. इससे पूर्व हम आ...

Details
एडवोकेट राजीव द्विवेदी-महान क्रांतिकारी व आज़ाद हिन्द फ़ौज के संस्थापक  सुभाष चंद्र बोस जयंती  नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती पर हार्दिक अभिनंदन

एडवोकेट राजीव द्विवेदी-महान क्रांतिकारी व आज़ाद हिन्द फ़ौज के संस्थापक सुभाष चंद्र बोस जयंती नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती पर हार्दिक अभिनंदन

"तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हे आजादी दूंगा" का नारा देकर भारत की आजादी की भावना को नई शक्ति, नया प्राण और दिशा देने वाले महान स्वतंत्रता सेनान...

Details
एडवोकेट राजीव द्विवेदी-गुरु गोबिंद सिंह जयंती की	 गुरु गोबिंद सिंह जयंती सभी देशवासियों को शुभकामनाएं

एडवोकेट राजीव द्विवेदी-गुरु गोबिंद सिंह जयंती की गुरु गोबिंद सिंह जयंती सभी देशवासियों को शुभकामनाएं

आज हम सिखों के दसवें गुरु गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती मना रहे हैं। आप सभी देशवासियों को गुरु गोबिंद सिंह जयंती की लख लख बधाईयां। 22 दिसम्बर...

Details
एडवोकेट राजीव द्विवेदी-वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जी पुण्यतिथि वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जी पुण्यतिथि वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जी की पुण्यतिथि पर उन्हें  शत शत नमन

एडवोकेट राजीव द्विवेदी-वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जी पुण्यतिथि वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जी पुण्यतिथि वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जी की पुण्यतिथि पर उन्हें शत शत नमन

धर्म की रक्षा के लिए हर सुख का त्याग करने वाले उस अमर बलिदानी वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जी की पुण्यतिथि के अवसर पर कुठ अहम बाते जानते है। ...

Details
राजीव द्विवेदी - मकर संक्रांति के अवसर पर कल्यानपुर विधानसभा में हुआ खिचड़ी वितरण

राजीव द्विवेदी - मकर संक्रांति के अवसर पर कल्यानपुर विधानसभा में हुआ खिचड़ी वितरण

सूर्योपासना के प्रमुख त्यौहार मकर संक्रांति के पावन अवसर पर कानपुर की कल्यानपुर विधानसभा के अंतर्गत विभिन्न स्थानों पर खिचड़ी के प्रसाद का वि...

Details
एडवोकेट राजीव द्विवेदी-आप सभी को मकर संक्रांति  मकर संक्रांति  के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं

एडवोकेट राजीव द्विवेदी-आप सभी को मकर संक्रांति मकर संक्रांति के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं

मकर संक्रांति, जिसे देश भर में विभिन्न विभिन्न नामों के साथ मनाया जाता है। उत्तर प्रदेश में जहां इस दिन को मकर संक्रांति या खिचड़ी संक्रांति ...

Details
एडवोकेट राजीव द्विवेदी-सभी राष्ट्रवासियों को लोहड़ी पर्व  लोहड़ी की बहुत बहुत बधाइयां

एडवोकेट राजीव द्विवेदी-सभी राष्ट्रवासियों को लोहड़ी पर्व लोहड़ी की बहुत बहुत बधाइयां

पंजाब, हरियाणा और दिल्ली सहित देश के अन्य हिस्सों में धूमधाम से मनाया जाता है लोहड़ी का त्यौहार, जिसे फसल कटाई के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।...

Details
एडवोकेट राजीव द्विवेदी-महान चिंतक एवं दार्शनिक स्वामी विवेकानंद की  स्वामी विवेकानंद जयंती  जयंती पर उन्हें कोटि कोटि नमन

एडवोकेट राजीव द्विवेदी-महान चिंतक एवं दार्शनिक स्वामी विवेकानंद की स्वामी विवेकानंद जयंती जयंती पर उन्हें कोटि कोटि नमन

प्रति वर्ष 12 जनवरी के दिन स्वामी विवेकानंद का जन्मदिवस समस्त भारतवर्ष में राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन आधुनिक भारत ...

Details

अधिक जानें

राजीव द्विवेदी जी से जुड़ें

राजीव द्विवेदी आपके क्षेत्र आपकी समस्याओं के निवारण के लिए लगातार कार्यरत हैं, इनसे जुड़ने के लिए नीचे अपना ईमेल और नाम भर के सब्सक्राइब ज़रूर करें.

© Rajeev Dwivedi & Navpravartak.com Terms  Privacy