Rajeev Dwivedi
  • होम
  • जानें
  • अपडेट
  • संपर्क
  • जन सुनवाई

कोसी नदी अपडेट - बिहार बाढ़, सुखाड़ और अकाल, श्री मुन्नर यादव से हुई बातचीत के अंश

  • By
  • Dr Dinesh kumar Mishra
  • January-05-2021
बिहार-बाढ़-सूखा-अकाल

मुन्नर यादव, 84 वर्ष, ग्राम बहुअरवा, पंचायत लौकहा, प्रखंड सरायगढ़, जिला सुपौल से मेरी बातचीत के कुछ अंश।

हम लोग अभी अपने गाँव और अपनी जमीन पर कोसी के पूर्वी तटबन्ध के पूरब में और भपटियाही के उत्तर में रह रहे हैं। कोसी पर तटबन्ध बनने के पहले यूँ समझिये कि कोसी अपने मूल स्वरूप में ही इस इलाके से बह रही थी। किसी भी तरह के बाहरी काम-धाम, हाट-बाजार और चावल लाने के लिये हम लोग नेपाल के हनुमान नगर पर निर्भर करते थे। वहाँ जाना हमारे लिये आसान था। तटबन्ध बनने के पहले 1953, 1954 का साल रहा होगा जब नदी में इतना पानी आ गया था और उस पानी की रफ्तार इतनी तेज थी कि नाव से हनुमान नगर जाने में बहुत मेहनत करनी पड़ती थी और लौटने में बहुत डर लगता था क्योंकि कोसी नदी के पानी का प्रवाह बहुत तेज हुआ करता था। फिर भी वापस आने में दो-तीन घंटा जरूर लग जाता था। यहाँ से दूध और खेसारी नेपाल जाता था और वहाँ से हम लोग चावल अपने घर ले कर आते थे। दूध और दही तथा उसके उत्पाद नेपाल में ज्यादा बिक जाते थे।

उस समय इस पूरे इलाके में काँस के जंगल भरे हुए थे और उनमें बाघ रहता था। हमारी भैंसें चरने के लिये जंगल की तरफ जाया करती थी और वह सब की सब एक झुंड बना कर जाती थीं। उनके साथ कोई आदमी या लड़के-बच्चे नहीं जाते थे। उनका झुंड में जाना ही उनकी सुरक्षा की गारन्टी होती थी। शाम को वह सब की सब अपने आप लौट आया करती थीं।
उन दिनों नदी के पानी में घड़ियाल होता था और अभी भी कहीं कहीं वह दिखायी पड़ता है। हमारे गाँव के सामने तटबन्धों के अन्दर एक उग्रीपट्टी गाँव है। वहाँ दो साल पहले एक बार नदी गाँव के बहुत पास आ गयी थी। उस गाँव में कुछ लोग शाम में चौकी लगा कर बैठे थे। उसी समय एक घड़ियाल नदी में से निकल कर गाँव में आया और एक महतो परिवार के घर तक चला आया। धीरे-धीरे वह महतो जी के घर के पास जो लोग चौकी पर बैठे थे उनके पास तक चला आया और उसने अपना मुँह खोला और उसे फैलाना शुरू किया। तभी उस पर किसी की नजर पड़ गयी और वहाँ चीखना-चिल्लाना शुरू हो गया। यह शोर सुनकर गाँव के और लोग भी वहाँ इकट्ठा हो गये। इन लोगों ने उस घर की उसकी जो टाटी थी उसको हटाया और वहाँ जो लोग बैठे थे उनको बाहर निकाल दिया और नाव की मदद से सबको तटबन्ध के पूरब में हम लोगों के गाँव की तरफ ले आये। घड़ियाल को छेड़ने का साहस शायद उन लोगों में नहीं था। वह इतना बड़ा तो जरूर था कि किसी को अगर पकड़ लेता तो उसको बचा पाना सम्भव नहीं था। तब से लोग पूरी तरह सावधानी बरतते हैं। घड़ियाल दिखाई पड़ना उन दिनों आम बात थी।

तटबन्धों के निर्माण के पहले नदी गहरी थी और उसमें पानी की समाई ज्यादा होती थी। उसका पानी ज्यादा बढ़ने पर फैलता जरूर था मगर कम हो जाने पर जल्दी ही नदी में वापस चला जाता था। अब बाँध बन जाने के बाद बालू जम जाने के कारण नदी छिछली हो गयी है और बाढ़ आने पर उसका पानी दोनों ओर के तटबन्धों तक जल्दी पहुँच जाता है और ज्यादा समय तक टिका रहता है क्योंकि नदी का जलस्तर तटबन्धों के पहले की तरह जल्दी नहीं उतर पाता है।

अभी तटबन्धों के अन्दर एक तो कटाव बढ़ रहा है और ज्यादा देर पानी रहने से धान का बिचड़ा भी खराब हो जाता है। किसान जैसे-तैसे दुबारा तो धान लगाने की व्यवस्था कर सकता है पर यह काम अगर तिबारा करना पड़ जाये तो किसान के सारे संसाधन समाप्त हो जाते हैं और वह हार मान कर बैठ जाता है। पहले यहाँ भदई धान, मड़ुआ, कोनी और सावां हो जाया करता था पर अब उसका नामोनिशान भी नहीं मिलता। भदई धान थोड़ा-थोड़ा कहीं हो जाता है पर बाकी कुछ नहीं होता। हम लोग अब मकई करने लगे हैं जो छह से आठ मन का कट्ठा हो जाती है पर सूअर उसके खेतों में घुसकर उन्हें नष्ट कर देता है। यह एक समस्या है। इससे अगर बच गयी तो मकई ठीक-ठाक हो जाती है।

हमारी जमीन ज्यादातर तटबन्ध के अन्दर है। थोड़ी जमीन बाहर भी है जिससे खाने-पीने भर को अनाज मिल जाता है। अन्दर वाली जमीन का तो कोई भरोसा नहीं है। उपज हो गयी तो खूब होगी और नहीं तो खाली हाथ आना पड़ता है। गेहूं, कुर्थी, मसूर, खेसारी और तुअर तटबन्धो के अन्दर हो जाती है। आजकल धान का बीज बाजार से आता है लेकिन पहले हम लोग इन्हीं खेतों पर अपने स्थानीय और पारम्परिक बीज सतराजा, मटिया, गोला, तंजाली, रांगी, रंगवा, चननचूर, सिंगरा, दशरिया, बरोगर आदि,, जो गहरे पानी में होते थे, उनका इस्तेमाल कर लेते थे। जितना गहरा पानी वैसा ही धान उगा लेते थे। मछली पहले भी थी, अभी भी है।

आजकल नौका दुर्घटनायें ज्यादा होने लगी हैं क्योंकि पहले लोगों को नाव पर चढ़ने का सलीका आता था। किसी को कोई जल्दी भी नहीं थी। सबके पास समय था। अब तो हर आदमी जल्दी में है, नाव में चढ़ने में भी और उतरने में भी। इस वजह से अब पहले के मुकाबले नौका दुर्घटनायें ज्यादा होने लगी हैं। यह घटनायें किनारे पर होती हैं, बीच धार में नहीं। अब तो लोग तैरना भी उतना नहीं जानते। हम लोग जो तटबन्ध के कन्ट्रीसाइड में हैं जल-जमाव भोगते हैं और बरसात भर तटबन्ध टूटने के आतंक में जीते हैं।

श्री मुन्नर यादव

हमसे ईमेल या मैसेज द्वारा सीधे संपर्क करें.

क्या यह आपके लिए प्रासंगिक है? मेसेज छोड़ें.

More

राजीव द्विवेदी - बुद्ध पूर्णिमा के पावन अवसर पर आवास स्थान पर किया महात्मा बुद्ध प्रतिमा पर माल्यार्पण

राजीव द्विवेदी - बुद्ध पूर्णिमा के पावन अवसर पर आवास स्थान पर किया महात्मा बुद्ध प्रतिमा पर माल्यार्पण

बुद्ध पूर्णिमा के शुभ अवसर पर उत्तर प्रदेश काँग्रेस कमेटी, विधि विभाग से प्रदेश समन्वयक एडवोकेट राजीव द्विवेदी ने अपने सहयोगीजनों के साथ मिल...

Details
राजीव द्विवेदी - पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गांधी जी की पुण्यतिथि पर कानपुर में काँग्रेस का दवा एवं भोजन वितरण कार्यक्रम

राजीव द्विवेदी - पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गांधी जी की पुण्यतिथि पर कानपुर में काँग्रेस का दवा एवं भोजन वितरण कार्यक्रम

आधुनिक भारत के निर्माता पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न स्व.राजीव गांधी जी की पुण्यतिथि पर श्रीमती प्रियंका गांधी के दिशा-निर्देश पर कानपुर नगर ...

Details
राजीव द्विवेदी - कांग्रेसीजनों द्वारा कल्याणपुर विधानसभा में हुई प्रियंका गांधी ग्राम सेवा अभियान की शुरुआत

राजीव द्विवेदी - कांग्रेसीजनों द्वारा कल्याणपुर विधानसभा में हुई प्रियंका गांधी ग्राम सेवा अभियान की शुरुआत

कानपुर देहात स्थित कल्याणपुर विधानसभा के नानकारी वार्ड में उत्तर प्रदेश कॉंग्रेस कमेटी में प्रदेश समन्वयक एवं जनसेवक एडवोकेट राजीव द्विवेदी ...

Details
राजीव द्विवेदी - पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गांधी जी के 22वें शहादत दिवस पर दी गई श्रद्धांजलि

राजीव द्विवेदी - पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गांधी जी के 22वें शहादत दिवस पर दी गई श्रद्धांजलि

शुक्रवार को देश के पूर्व प्रधानमंत्री एवं संचार क्रांति के जनक स्व. राजीव गांधी के 22वें शहादत दिवस के अवसर पर काँग्रेस जनों के द्वारा राजीव...

Details
एडवोकेट राजीव द्विवेदी-भाईचारे और एकता की मिसाल  ईद-उल-फितर  ईद-उल-फितर की सभी देशवासियों को दिली मुबारकबाद

एडवोकेट राजीव द्विवेदी-भाईचारे और एकता की मिसाल ईद-उल-फितर ईद-उल-फितर की सभी देशवासियों को दिली मुबारकबाद

चौतरफा खुशियां, मेले और चहल-पहल, यह सब भारत में त्योहारों की सबसे बड़ी पहचान है. हमारा देश त्योहारों का ही देश माना जाता है, जहां प्रत्येक धर...

Details
राजीव द्विवेदी - मस्वानपुर उप चुनाव के तहत काँग्रेस प्रत्याशी इंदु कुमार कमल के लिए चुनाव प्रचार

राजीव द्विवेदी - मस्वानपुर उप चुनाव के तहत काँग्रेस प्रत्याशी इंदु कुमार कमल के लिए चुनाव प्रचार

कानपुर जिले के मस्वानपुर उप चुनाव के अंतर्गत उत्तर प्रदेश कॉंग्रेस कमेटी में प्रदेश समन्वयक और अकबरपुर क्षेत्र से काँग्रेस के वरिष्ठ नेता रा...

Details
एडवोकेट राजीव द्विवेदी-हनुमान जयंती के मंगल अवसर पर  हनुमान जयंती  समस्त देशवासियों को कोटि कोटि शुभकामनाएं

एडवोकेट राजीव द्विवेदी-हनुमान जयंती के मंगल अवसर पर हनुमान जयंती समस्त देशवासियों को कोटि कोटि शुभकामनाएं

हिन्दू मान्यताओं के अनुसार चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि पर प्रतिवर्ष हनुमान जयंती मनाई जाती है, इसी दिन भगवान राम के सबसे बड़े भक्त एवं परम मित...

Details
राजीव द्विवेदी - कोरोना महामारी से बचाव के लिए कानपुर नगर ग्रामीण कॉंग्रेस कमेटी सहायता केंद्र

राजीव द्विवेदी - कोरोना महामारी से बचाव के लिए कानपुर नगर ग्रामीण कॉंग्रेस कमेटी सहायता केंद्र

कानपुर नगर ग्रामीण कॉंग्रेस कमेटी ने कोरोना महामारी के इस दौर में आम जनता को सहायता मुहैया करवाने के उद्देश्य से सहायता केंद्र की व्यवस्था क...

Details
एडवोकेट राजीव द्विवेदी-अहिंसा परमो धर्म:  महावीर जयंती  समस्त राष्ट्रवासियों को महावीर जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं

एडवोकेट राजीव द्विवेदी-अहिंसा परमो धर्म: महावीर जयंती समस्त राष्ट्रवासियों को महावीर जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं

जैन ग्रंथों के अनुसार चैत्र शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को जैन समाज के अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्म हुआ था, जिस कारण जैन धर्म के लोग इस दि...

Details
एडवोकेट राजीव द्विवेदी-सभी राष्ट्रवासियों को  राम नवमी  राम नवमी की मंगलमय शुभकामनाएं

एडवोकेट राजीव द्विवेदी-सभी राष्ट्रवासियों को राम नवमी राम नवमी की मंगलमय शुभकामनाएं

राम नवमी, भगवान श्री राम के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। हर्ष एवं उल्लास के इस पर्व के मनाए जाने का उद्देश्य है - हमारे भीतर "ज्ञा...

Details
एडवोकेट राजीव द्विवेदी-शुभ नवरात्रि  चैत्र नवरात्रि    नवरात्रि के मंगल पर्व पर आप सभी के जीवन में समृद्धि का संचार हो

एडवोकेट राजीव द्विवेदी-शुभ नवरात्रि चैत्र नवरात्रि नवरात्रि के मंगल पर्व पर आप सभी के जीवन में समृद्धि का संचार हो

या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थितानमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:अर्थात जो देवी सब प्राणियों में शक्ति रूप से स्थित हैं, उनको नमस्...

Details
राजीव द्विवेदी - राधन जिला पंचायत क्षेत्र में काँग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में चुनावी जनसंपर्क अभियान का हुआ आगाज

राजीव द्विवेदी - राधन जिला पंचायत क्षेत्र में काँग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में चुनावी जनसंपर्क अभियान का हुआ आगाज

उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत चुनावों का दौर जोर शोर से जारी है और पार्टियों के द्वारा प्रत्याशियों की घोषणा भी कर दी गई है। सभी प्रत्याशियों...

Details

अधिक जानें

राजीव द्विवेदी जी से जुड़ें

राजीव द्विवेदी आपके क्षेत्र आपकी समस्याओं के निवारण के लिए लगातार कार्यरत हैं, इनसे जुड़ने के लिए नीचे अपना ईमेल और नाम भर के सब्सक्राइब ज़रूर करें.

© Rajeev Dwivedi & Navpravartak.com Terms  Privacy