सुंदर है जग में सबसे, नाम भी न्यारा है..
जहां जाति-भाषा से बढ़कर बहती देश-प्रेम की धारा है..
निश्चल, पावन, प्रेम पुराना, वो भारत देश हमारा है..!!
15 अगस्त 1947 का दिन भारतीय इतिहास के लिए स्वर्णिम दिवस माना जाता है क्योंकि इस दिन अंग्रजों की लगभग 200 वर्ष गुलामी के बाद हमारे देश को आज़ादी प्राप्त हुई थी. भारत को आज़ादी दिलाने के लिए कई स्वतंत्रता सेनानियों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी, उनके समर्पित देशभक्ति भाव और कठिन संघर्षों के बाद ही भारत ब्रिटिश हुकूमत से आज़ाद हुआ था, तब से ले कर आज तक हर 15 अगस्त को हम अपने स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते आ रहे हैं.
सारे जहाँ से अच्छा, हिन्दोस्ताँ हमारा,हम बुलबुलें हैं इसकी, ये गुलिसताँ हमारा...!!
सुप्रसिद्ध शायर मोहम्मद इक़बाल ने वर्ष 1905 में
तराना-ए-हिन्द लिखकर भारत को एक ऐसे सुंदर चमन की उपाधि दी, जिसमें करोड़ों देशवासी
चिड़ियाओं से चहकते प्रतीत होते हैं. एक ऐसा वतन, जो अपने जुझारूपन, हौंसले और
समृद्ध संस्कृति के चलते विश्व भर में जाना जाता है.
भारत का परिद्रश्य, मौसम, भोजन, परम्पराएं, त्यौहार,
प्राचीनतम सभ्यता, जुगाड़ सब कुछ मिलकर हमारे देश को दुनिया के बाकी देशों से अलग
और विशेष बनाते हैं. इतिहास के पन्नों में यूहीं भारत को विश्व गुरु का दर्जा नहीं
मिला, बल्कि इसके मूल में छिपा है हम भारतीयों का अतुल्य ज्ञान भंडार....आज सिलिकॉन
वैली की बड़ी बड़ी कंपनियों, नासा इत्यादि में भारतीयों की बड़ी संख्या में उपस्थिति
इसका साक्षात् उदाहरण है.
तो चलिए जानते आज जानते हैं कि ऐसे कौन से फैक्ट्स हैं जो
भारत को अन्य देशों की तुलना में महान बनाते हैं, ऐसा क्या है कि हस्ती मिटती नहीं
हमारी, जबकि सदियों रहा है दुश्मन दौर-ए-जहां हमारा? जरा गौर फरमाइए जनाब, क्योंकि
यह सब जानकर आप गर्व से कहेंगे कि “हम भारतीय हैं.”
हमारी हजारों वर्ष प्राचीन धारा “योग” ऋषि-मुनियों वैज्ञानिकों द्वारा प्रदत्त एक तकनीक है, हजारों सालों से चिकित्सकों, यात्रिओं और साधकों ने योग के विज्ञान को समस्त भारतीय उप-महाद्वीप में प्रसारित किया.
इस विद्या को सर्वाधिक प्रचार-प्रसार ऋषि पतंजलि के द्वारा
मिला, जिन्होंने योग में विभिन्न मुद्राओं, आसनों और प्राणायाम की विविध तकनीकों
को बेहतर रूप से आम जन की सुलभता के लिए समावेश किया. वर्तमान प्रधानमंत्री श्री
नरेन्द्र सिंह मोदी जी के प्रयासों से वर्ष 2015 में यूएन के माध्यम से विश्व भर
में योग का प्रचलन शुरू हुआ, यानि 21 जून को प्रति वर्ष दुनिया “इंटरनेशनल योग
दिवस” के जरिये भारत की इस प्राचीनतम विद्या से लाभान्वित होती है.
तो गर्व कीजिये अपने भारतीय होने पर, क्योंकि हमने संसार को
अपनी समृद्धशाली योग विद्या से अंगीकार करके वैश्विक आरोग्य की एक नई परिभाषा का
ईजाद किया.
“ओम” को एक कॉस्मिक ध्वनि के रूप में जाना जाता है, भारतीय प्राचीन ग्रन्थानुसार ओम एक वैश्विक ध्वनि है, जिससे समस्त सृष्टि की उत्पत्ति हुई है.
प्राचीन भारत के हमारे विज्ञानियों, ऋषि मुनियों ने युगों पहले ही बता
दिया था कि ॐ शब्द के गहन उच्चारण से तन-मन के समस्त विकार दूर होते हैं. वहीं आज
विज्ञान भी इस बात की पुष्टि करता है कि ॐ के उच्चारण से शरीर के विभिन्न भाग सक्रिय
होते हैं, मंत्रोच्चारण की यह विद्या कंपन चिकित्सा के अंतर्गत आती है..जहां
विभिन्न शारीरिक भागों के प्रतिध्वनित होने से मष्तिष्क की क्रियाशीलता बढती है और
ऊर्जा का संचार होता है. नतीजतन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढती है और विभिन्न रोगों से राहत मिलती है. यदि यकीन न आए
तो निम्नांकित वैज्ञानिक अध्ययनों पर नजर डालिए, आप स्वयं समझ जायेंगे..
तो गर्व कीजिये अपने भारतीय होने पर क्योंकि आज योग के माध्यम से ॐ का उच्चारण कर लोग वैश्विक रूप से स्वास्थ्य अर्जित कर रहे हैं.
श्री राम को कौन नहीं जानता, जिन्होंने पारिवारिक मूल्यों, नैतिकता, दयालुता, पराक्रम, शौर्य और बुद्धिमत्ता की सीख दी रच दिया. जिन्हें न केवल भारत अपितु विश्व के अन्य कईं देशों जैसे थाईलैंड, बर्मा, इंडोनेशिया, मलेशिया, जापान, चीन, यूरोप के कुछ देशों में विभिन्न नामों और विविध रूप से पूजा जाता है.
आदि कवि ऋषि वाल्मीकि कृत रामायण विश्व के सबसे बड़े पुरातन
महाकाव्यों में से एक है, जिसमें 24,000 श्लोक सात अध्यायों के अंतर्गत लिखे गए
हैं.
तो गर्व कीजिये कि प्रभु श्री राम के सुन्दर और महानतम चरित्र से
सुशोभित रामायण का सृजन हमारे भारत में ही हुआ है. राम चरित मानस शेक्सपियर या यूरोप के किसी भी साहित्यिक कार्य से काफी पहले का महाकाव्य है.
भगवान श्री कृष्णा के मुख से कुरुक्षेत्र की युद्धभूमि पर अर्जुन को दिए गए उपदेश “भगवद्गीता” के रूप में आज विश्व की उन प्राचीनतम ऐतिहासिक धरोहरों में से एक हैं, जिनकी महत्ता का गुणगान समस्त संसार में किया जाता है. तकरीबन 1.8 मिलियन शब्दों में लिखा गया यह ग्रंथ विश्व के वृहद् आलेखों की सूची में सम्मिलित हैं.
दूसरी ओर कृष्णा, एक ऐसे महान चरित्र का परिचायक हैं..जो एक
तरफ साधारण सा गोप बालक बनकर गायों, नदियों, पर्वतों, हरियाली, साधारण जन जीवन के
संरक्षण की गूढ़ से गूढ़ बात मात्र बाल-लीलाओं में ही कर जाता है. वहीँ दूसरी ओर एक
राजकुमार के रूप में अपने कूटनीतिक आचरण, कुशल वक्तव्य, चातुर्य और बुद्धिमत्ता से
धर्म की स्थापना के लिए महाभारत के रणक्षेत्र में सारथी बन जाता है.
तो गर्व कीजिये कि आप भारतीय हैं क्योंकि आप अपनी जन्मभूमि
श्री राम और श्री कृष्ण के साथ साझा करते हैं.
क्या आप जानते हैं कि भारत को “इंडिया” का नाम क्यों और कैसे मिला? भारत इंडस नदी के पूर्वी छोर (ईस्ट ऑफ़ द इंडस) पर बसा हुआ था, जिसके कारण इसे पहले “ईस्ट इंडीज” तथा बाद में “इंडिया” नाम से जाना गया.
यहां तक कि भारत को हिन्दुस्तान नाम भी इंडस नदी के जरिये
ही मिला, जिसे पूर्वकाल के अवेस्तान में सिंधु के नाम से जाना जाता था और उसके
पूर्व में होने के चलते भारत को “हाप्ता हिंदू” कह दिया जाता था, जो लोकचलन के
अनुसार बाद में हिन्दुस्तान में परिणत हो गया.
तो गर्व कीजिये कि आप भारतीय हैं, क्योंकि प्रकृति, नदियों,
पहाड़ों से हमारा नाता बेहद प्राचीन रहा है, हमारी बड़ी से बड़ी सभ्यताएं ही इन नदियों
के किनारे ही पोषित हुई हैं.
आज 2019 में भारत दुनिया की तेजी से विकसित होती हुई अर्थव्यवस्थाओं में से है. यहां तक कि अंग्रेजों की गुलामी के समय भी भारत एक ऐसा समृद्धशाली देश था, जिसका वैश्विक अर्थव्यवथा में 25 फीसदी का योगदान था. साथ ही भारत से जाने वाला प्रत्येक व्यापारिक माल गुणवत्तापूर्ण होता था, जिसके चलते वैश्विक बाजार में हमारी वस्तुओं की बहुत मांग थी.
तो गर्व कीजिये अपनी उस समृद्धशाली अर्थव्यवस्था पर, अपने
प्राकृतिक संसाधनों के भंडारण पर और वास्तव में सोना उगलने वाली भारत माता की कोख
पर...जिसने न केवल भारतवासियों अपितु अन्नपूर्णा बनकर विश्व का भी उद्धार किया है.
जी हां भारत विश्व का अकेला ऐसा देश है, जिसमें 29 भाषाएँ
और लगभग 1635 बोलियाँ बोली जाती हैं. भाषागत इतनी विविधता होने के बावजूद में हम
सभी में जो अनदेखा सा एकत्व है, वह वास्तव में अनूठा है. भारत में कहते हैं न...
कोस कोस में बदले पानी,
चार कोस पर वाणी..!!
तो गर्व कीजिये कि आप एक ऐसे देश के निवासी हैं, जिसे समस्त विश्व उसकी विविधता भरी एकता के लिए अचरज भरी निगाहों से देखता है.
जितना अनूठा हमारा देश है, उतनी ही अनूठी है हमारी भोज्य शैली. एक विशिष्ट आयुर्वेदिक शारीरिक संरचना के अनुसार भोजन करते हैं हम भारतवासी, यानि दाल, चावल, रोटी, मौसमी सब्जी, अचार, पापड़, सलाद, लस्सी, मिष्ठान के सम्मिश्रण से तैयार हमारी पोषक थाली पूर्व से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक विविधता लिए हुए है. किन्तु उसमें पोषक तत्वों का संतुलन कहीं भी कमतर नहीं है. राजस्थान का दाल-बाटी-चूरमा हो या बिहार का लिट्टी चोखा....उतराखंड की भट्ट की चुढखानी हो या चेन्नई का रसम...भिन्न भिन्न किस्मों के हजारों पकवानों का स्वाद हमारे देश में रचा बसा है, जो विदेशों से भी लोगों को यहां बरबस खींच लाता है.
तो गर्व कीजिये कि आप भारतीय हैं, क्योंकि हमारी परंपरागत
भोज्य शैली ने विश्व को कैंसर, मोटापा, हाइपरटेंशन, हृदय-किडनी रोग इत्यादि गंभीर बीमारियां नहीं बल्कि रोगों का
निदान करने की प्राकृतिक ताकत दी है.
भारतीय शान का प्रतीक तिरंगा एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी किसान पिंगली वेंकैया द्वारा डिज़ाइन किया गया था. भारतवासियों के लिए तिरंगा राष्ट्रध्वज से बढ़कर अहमियत रखता है. हमारा तिरंगा कानूनन रूप से केवल खादी से ही निर्मित होता है और इसके तीनों रंग हमारी भारतीयता की जड़ों को दर्शाते हैं. “केसरिया” शौर्य का, “श्वेत” शांति का और “हरा” हमारी समृद्ध कृषि व्यवस्था का प्रतीक है.
तो गर्व कीजिये अपने भारतीय होने पर, क्योंकि हमारे इतिहास
के पन्नें हमारे वीरों की गौरवमयी गाथाओं से भरे हुए हैं...पराक्रम हमारी रगों में
है, फिर भी हमने कभी अन्य देशों की भांति किसी कमजोर देश को गुलाम बनाने का प्रयास
नहीं किया और स्वाभाव से सादे-सरल-सहज से हैं हम भारतीय...जो अपनी जमीन को मां समान मानते हुए अपनी फसलों, जंगलों, पहाड़ों और नदियों को पूजते
हैं.
गणित, जिसके बिना आज विकास की संकल्पना तक नहीं की जा सकती और जो आज तक देश-विदेश में होने वाली औद्योगिक क्रांतियों के मूल में रहा है..उसके सृजन का श्रेय भी चौथी सदी के भारतीय गणितज्ञों को ही जाता है. संख्या, शून्य, स्थानीय मान, अंकगणित, ज्यामिति, बीजगणित, कैलकुलस आदि का प्रारम्भिक कार्य भारत में सम्पन्न हुआ.
पाणिनि, ब्रह्मगुप्त, आर्यभट्ट, पिंगल, माधवाचार्य,श्रीधराचार्य,
महावीराचार्य सहित अन्य असंख्य भारतीय गणितज्ञों का योगदान आज के गणित में देखने
को मिलता है. मसलन, शून्य, दशमलव और शुल्व सूत्र (आज के समय का पाइथागोरस थिओरम)
भारत में आदि काल में ही ईजाद हो चुका था. ज्यामिति, त्रिकोणमिति की खोज पूर्व
मध्य काल में हुई. यहां तक कि हमारे यजुर्वेद में भी गणितीय संक्रियाओं का दर्शन
मिलता है.
तो गर्व कीजिये अपने भारतीय होने पर, क्योंकि हमारे वंशजों
ने विश्व को उसका आधार यानि गणित प्रदान करने में सबसे अहम भूमिका का निर्वाह किया
है.
भारत में लगभग 8000 वर्ष पुरानी वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर
आधारित विद्या आयुर्वेद आज भी चिकित्सा शास्त्र में आधुनिक विज्ञान को टक्कर दे
रही है. जहां एलोपैथी मर्ज को दबाने के सिद्धांत पर आधारित है, वहीं हमारा
आयुर्वेद कहता है कि,
आपकी जीवनशैली ऋतुनुसार संयमित, स्वास्थ्यवर्धक और पोषक हो, ताकि आप किसी रोग की गिरफ्त में नहीं आए और भूलवश यदि बीमार हो भी जायें तो हमारे वन-उपवन-रसोईघर में ही हमारे लिए हर प्रकार की औषधि मौजूद है.
तो गर्व कीजिये अपने भारतीय होने पर क्योंकि हमारा आयुर्वेद
बेहद समृद्ध और प्राचीन है, ऋषि-मुनियों द्वारा प्रदत्त यह विरासत आज समस्त संसार
अपना रहा है और इसका लोहा मान रहा है.
विश्व का इतिहास भले ही इस तथ्य को नकारें, किन्तु शल्यचिकित्सा की प्रारंभिक संरचना तो भारत में ही सृजित हुई. हमारे भारतीय चिकित्सा विज्ञान के सबसे बड़े नामों में सम्मिलित ऋषि चरक, ऋषि सुश्रुत और ऋषि वाग्भट्ट को आज समस्त विश्व उनके शल्यचिकित्सा में दिए गए योगदान के कारण जानता है. “चरक-संहिता” के आठ भागों में तकरीबन 120 अध्याय हैं, जो आज के चिकित्सा विज्ञान को भी चौंका देते हैं. यानि वर्तमान में आधुनिक चिकित्सा पद्धति के बहुत से आयाम तो ऋषि चरक द्वारा 400वीं सदी में ही तय कर लिए गए थे.
तो गर्व से कहिये आप भारतीय हैं, क्योंकि वैश्विक चिकित्सा
पद्धति में एक बड़ा योगदान भारत की ओर से जाता है.
शून्य या सिफर या जीरो, इसके अविष्कार का श्रेय भी भारत को ही जाता है. पांचवी सदी के मध्य में भारतीय गणितज्ञ आर्यभट्ट के द्वारा शून्य का अविष्कार किया गया था. भले ही वैश्विक इतिहास इस तथ्य को नकारता आया हो, किन्तु शून्य पांचवी सदी के बाद ही चलन में आया. साथ ही आर्यभट्ट ने पाई की गणना भी की.
उनके कार्य “आर्या-सिद्धांत” ऐसे अनेक तथ्यों से परिपूर्ण हैं, जो आज के गणित और भौतिक विज्ञान के लिए भी पहेली हैं.
तो गर्व कीजिये अपने भारतीय होने पर क्योंकि अगर जीरो नहीं
होता तो संसार आगे बढ़ने की कल्पना भी नहीं कर पाता.
क्या आपको पता है कि विश्व के बहुत से देश भारत को केवल महात्मा गांधी के नाम से जानते हैं? वास्तव में हमारे राष्ट्रपिता मोहनदास करमचंद गांधी एक मिसाल हैं हम सभी भारतीयों के लिए...एक सफलतम वकील, कुशल वक्ता और अच्छे-खासे परिवार से संबंधित होने के बावजूद भी एक संत की भांति जीवन बसर कर देने वाले बापू हमारे देश की सबसे बड़ी पहचान हैं.
उन्होंने अपने बनाए वस्त्र पहने, स्वयं का उगाया और बनाया भोजन किया,
सुख-सुविधाओं का त्याग किया और बिना हिंसा के स्वाधीनता हमारी झोली में डाल देने
में सबसे बड़ी भूमिका निभाई. सादा जीवा-उच्च विचार के सच्चे समर्थक बापू आज भी
करोड़ों देशवासियों के लिए पूजनीय हैं.
तो गर्व कीजिये अपने भारतीय होने पर, क्योंकि आप उसी देश के
निवासी हैं..जहां कभी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने बेहद शांति से अंग्रेजों को
बाहर का रास्ता दिखा दिया था.
इन कुछ तथ्यों से अलग भी हजारों कारण हैं हमारे पास अपनी भारतीयता को लेकर गर्व करने के. हम चाँद तक चले गए, मंगल का भी सफ़र एक बार में तय कर लिया. यकीन मानिये हम भारतीय सब कुछ कर सकते हैं, हम विश्व की सबसे बड़ी उभरती ताकत होकर भी अपने पाँव यदि जमीन पर रख कर चलते हैं, तो उसके पीछे छिपे हैं हमारे संस्कार. जो हमें हमारे पुरखों ने विरासत में दिए हैं...तो आइये इस स्वतंत्रता दिवस सम्मान करें अपनी संस्कृति, इतिहास और प्राचीनतम मूल्यों का और प्रगतिपरक छोटे छोटे कदमों के साथ बढ़ जाये आकाश नापने की ओर....!!
नमस्कार, मैं राजीव द्विवेदी आपके क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी बोल रहा हूँ. मैं क्षेत्र की आम समस्याओं के समाधान के लिए आपके साथ मिल कर कार्य करने को तत्पर हूँ, चाहे वो हो क्षेत्र में सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, समानता, प्रशासन इत्यादि से जुड़े मुद्दे या कोई सुझाव जिसे आप साझा करना चाहें. आप मेरे जन सुनवाई पोर्टल पर जा कर ऑनलाइन भेज सकते हैं. अपनी समस्या या सुझाव दर्ज़ करने के लिए क्लिक करें - जन सुनवाई.
सीमाप्रांत और बलूचिस्तान के महान राजनेता, खुदाई खिदमतगार संगठन के संस्थापक खान अब्दुल गफ्फार खान का जन्म 1890 में पेशावर, पाकिस्तान में हुआ ...
Detailsप्रत्येक वर्ष माघ मास के शुक्लपक्ष की पंचमी तिथि को विद्या की देवी सरस्वती का प्राकट्य दिवस मनाया जाता है, जिसे बसंत पंचमी के रूप में समस्त ...
Detailsभारतीय अमरीकी अन्तरिक्ष यात्री और अन्तरिक्ष शटल मिशन विशेषज्ञ कल्पना चावला 17 मार्च 1962 में भारत के करनाल, हरियाणा में जन्मी थी | अपने परि...
Detailsनिरंतर विकास जीवन का नियम है, और जो व्यक्ति खुद को सही दिखाने के लिए हमेशा अपनी रूढ़िवादिता को बरकरार रखने की कोशिश करता है वो खुद को गलत स्...
Detailsराजेंद्र सिंह का जन्म 29 जनवरी को हुआ था, वो बचपन से ही दिलेर थे। प्राइमरी की शिक्षा पूरी होने पर इन्हें डीएवी कॉलेज लाहौर में भेज दिया गया।...
Detailsजॉर्ज फ़र्नान्डिस एक भारतीय राजनेता थे। वे श्रमिक संगठन के भूतपूर्व नेता, तथा पत्रकार थे। वे भारत के केन्द्रीय मंत्रिमण्डल में ऱक्षा मंत्री,...
Detailsलाल, बाल, पाल त्रयी के मजबूत आधारभूत स्तंभ लाला लाजपत राय भारत के उन चुनिंदा स्वतंत्रता सेनानियों में आते हैं, जिन्होंने संघर्ष को भारत माता...
Detailsकानपुर की कल्यानपुर विधानसभा के विभिन्न वार्डों में गणतंत्र दिवस का समारोह बेहद उत्साह व उमंग के साथ सादगी से मनाया गया। यहां कॉंग्रेस के वि...
Detailsहमारा गणतंत्र दिवस भारत वर्ष के लिए स्वर्ण दिन माना जाता है, क्योंकि इस दिन हमारा भारत एक पूर्ण लोकतान्त्रिक गणराज्य बना था. इससे पूर्व हम आ...
Details"तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हे आजादी दूंगा" का नारा देकर भारत की आजादी की भावना को नई शक्ति, नया प्राण और दिशा देने वाले महान स्वतंत्रता सेनान...
Detailsआज हम सिखों के दसवें गुरु गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती मना रहे हैं। आप सभी देशवासियों को गुरु गोबिंद सिंह जयंती की लख लख बधाईयां। 22 दिसम्बर...
Detailsधर्म की रक्षा के लिए हर सुख का त्याग करने वाले उस अमर बलिदानी वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जी की पुण्यतिथि के अवसर पर कुठ अहम बाते जानते है। ...
Detailsसूर्योपासना के प्रमुख त्यौहार मकर संक्रांति के पावन अवसर पर कानपुर की कल्यानपुर विधानसभा के अंतर्गत विभिन्न स्थानों पर खिचड़ी के प्रसाद का वि...
Detailsमकर संक्रांति, जिसे देश भर में विभिन्न विभिन्न नामों के साथ मनाया जाता है। उत्तर प्रदेश में जहां इस दिन को मकर संक्रांति या खिचड़ी संक्रांति ...
Detailsपंजाब, हरियाणा और दिल्ली सहित देश के अन्य हिस्सों में धूमधाम से मनाया जाता है लोहड़ी का त्यौहार, जिसे फसल कटाई के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।...
Detailsप्रति वर्ष 12 जनवरी के दिन स्वामी विवेकानंद का जन्मदिवस समस्त भारतवर्ष में राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन आधुनिक भारत ...
Detailsकानपुर में कॉंग्रेस को लगातार मजबूती देते हुए और संगठन के महिला सशक्तिकरण अभियान को प्रगति देते हुए आज कल्याणपुर विधानसभा क्षेत्र के काकादेव...
Detailsआज हम सभी देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित कर रहे हैं. बेहद साधारण व्यक्तित्व वाले ल...
Detailsकानपुर के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों के अंतर्गत कॉंग्रेस का सदस्यता अभियान जोरों-शोरों से जारी है। इसी क्रम में कल्याणपुर विधानसभा के तहत अल...
Detailsहिंदी साहित्य के आधुनिक काल के पुरोधा भारतेंदु हरिश्चंद्र की पुण्यतिथि 6 जनवरी को होती हैं। भारतेन्दु हरिश्चंद्र का जन्म 09 सितंबर, 1850 को...
Detailsस्वागत! जीवन के नवल वर्ष आओ, नूतन-निर्माण लिये, इस महा जागरण के युग में जाग्रत जीवन अभिमान लिये~ (कवि सोहनलाल द्विवेदी)नया साल, नयी उम्मीदें...
Detailsदेश के पूर्व प्रधानमंत्री एवं प्रसिद्ध राजनेता श्री पीवी नरसिंहा राव की जयंती पर शत-शत नमन। श्री पीवी नरसिंहा राव, जो कि देश के 9वें प्रधानम...
Detailsअरुण जेटली का जन्म 28 दिसम्बर 1952 को नई दिल्ली में हुआ| उन्होंने अपने विद्यालय की शिक्षा सेंट जेवियर्स स्कूल, नई दिल्ली से ली | उसके बाद उन...
Detailsज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित यू. आर. अनंतमूर्ति का जन्म 21 दिसम्बर को हुआ था। वे कन्नड़ भाषा के प्रसिध्द साहित्यकार, आलोचक और शिक्षाविद थे।...
Detailsअखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा (रा) के कल्याणपुर विधानसभा क्षेत्र के सत्यम विहार में कल्यानपुर क्षेत्र के सम्मानित जननेता राजीव द्विवेदी जी सहि...
Detailsसमाजसेवी बाबा आमटे का जन्म 26 दिसम्बर 1914 को महाराष्ट्र के वर्धा जिले के हिंगनघाट शहर में हुआ था। उनके पिता का नाम देविदास आमटे और उनकी मात...
Detailsजलियांवाला बाग कांड के समय पंजाब के गर्वनर जनरल को लंदन जाकर गोली मरने वाले सरदार उदम सिंह जी का जन्म 26 दिसम्बर 1899 को पंजाब प्रांत के सं...
Detailsराष्ट्रपति ज्ञानी जैलसिंह का जन्म 5 मई 1916 में हुआ था। वो कोटकापुरा से 4 कि.मी दूर संधवान ग्राम में रहते थे। ...
Detailsमहामना मदन मोहन मालवीय का जन्म 25 दिसम्बर को हुआ था। वो काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रणेता तो थे, साथ ही इस युग के आदर्श पुरुष भी थे। वे भ...
Detailsदेश के पूरिव प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसम्बर को हुआ था। वो पहले तीन बार देश के प्रधानमंत्री बने थे। साथ ही स...
Detailsचौधरी चरण सिंह का ऐसा मानना था की देश की समृद्धि का रास्ता गांवों के खेतों से होकर गुजरता हैं, उनका कहना था कि भ्रष्टाचार की कोई सीमा नहीं ह...
Detailsस्वामी श्रद्धानन्द सरस्वती का जन्म 22 फरवरी, 1856 को हुआ था। वे भारत के शिक्षाविद, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तथा आर्यसमाज के सन्यासी थे। वे...
Detailsकानपुर में कॉंग्रेस को लगातार मजबूती देते हुए और संगठन के महिला सशक्तिकरण अभियान को प्रगति देते हुए आज कल्याणपुर विधानसभा क्षेत्र के आवास वि...
Detailsछत्तीसगढ़ से पूर्व विधायक चंद्र प्रकाश बाजपेई जी एवं जिला अध्यक्ष कानपुर नगर ग्रामीण कॉंग्रेस कमेटी श्री अमित पाण्डेय जी के द्वारा श्री उत्कर...
Details22 दिसंबर को राष्ट्रीय गणित दिवस के अवसर पर महान मैथमेटिशियन श्रीनिवास अयंगर रामानुजन का जन्मदिन होता हैं। श्रीनिवास रामानुजन गणित विषय में ...
Detailsज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित यू. आर. अनंतमूर्ति का जन्म 21 दिसम्बर को हुआ था। वे कन्नड़ भाषा के प्रसिध्द साहित्यकार, आलोचक और शिक्षाविद थे।...
Detailsभारत मां के वीर सपूतो का जिक्र जब भी आता है, तब हम राम प्रसाद बिस्मिल का नाम जरूर लेते हैं। राम प्रसाद बिस्मिल न केवल एक महान क्रांतिकारी थे...
Details"कस ली है कमर अब तो, कुछ करके दिखाएंगे, आज़ाद ही हो लेंगे, या सर ही कटा देंगे..!!"देश की आजादी के लिए मर मिटने वाले शहीदों में अशफाक़ उल्ला ख...
Detailsप्रति वर्ष 12 जनवरी के दिन स्वामी विवेकानंद का जन्मदिवस समस्त भारतवर्ष में राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन आधुनिक भारत ...
Detailsप्रति वर्ष 12 जनवरी के दिन स्वामी विवेकानंद का जन्मदिवस समस्त भारतवर्ष में राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन आधुनिक भारत ...
Detailsप्रति वर्ष 12 जनवरी के दिन स्वामी विवेकानंद का जन्मदिवस समस्त भारतवर्ष में राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन आधुनिक भारत ...
Detailsकानपुर के कल्यानपुर विधानसभा क्षेत्र के आवास विकास वार्ड 3 के अंतर्गत अंबेडकर पुरम सेक्टर में आज कॉंग्रेस के प्रमुख नेता व समाजसेवी एडवोकेट ...
Detailsकल्याणपुर विधानसभा क्षेत्र के वार्ड उत्तरी एवं नानकारी वार्ड के संयुक्त मोहल्लों में पूरे 5 साल विकास कार्य ना होने के कारण आज वहां के नागरि...
Detailsकांग्रेस महासचिव माननीय प्रियंका गांधी जी ने आज महोबा में प्रतिज्ञा रैली को संबोधित किया। आदरणीय प्रियंका गांधी ने महोबा के लिये नई परियोजना...
Detailsकाँग्रेस की नीतियों को हर गली हर नुक्कड़ तक पहुंचाने के क्रम में उत्तर प्रदेश कॉंग्रेस कमेटी के विधि विभाग से समन्वयक एवं कल्यानपुर विधानसभा ...
Detailsउत्तर प्रदेश कॉंग्रेस कमेटी के विधि विभाग से समन्वयक एवं कल्यानपुर विधानसभा से वरिष्ठ कॉंग्रेस नेता व समाजसेवक एडवोकेट राजीव द्विवेदी काँग्र...
Detailsदेश को स्वतंत्रता मिलने के बाद से ही भारतीय राजनीतिज्ञों और विद्वेताओं ने देश के अपने एक विशेष संविधान होने पर चर्चा शुरू कर दी थी। इसी क्रम...
Detailsगुरुनानक सिखों के प्रथम गुरु हैं | इन्हें नानक, नानक देव जी, बाबा नानक और नानकशाह जैसे कई नामो से सम्बोधित किया गया है | गुरुनानक देव जी के ...
Details