अप्रैल माह वैश्विक रूप से विविधता और नवऊर्जा का प्रतीक महीना है. मुख्यत: अप्रैल का नाम ग्रीक गॉडेस, एफ़्रोडाइट के नाम पर रखा गया है. रोमन कैलेंडर के अंतर्गत चौथे महीने को पहले अप्रिलिस लिखा जाता था, जिसका अर्थ है "खुल जाना." उत्तरी गोलार्द्ध के अंतर्गत इस माह को बसंत ऋतू का प्रतीक माना जाता है, जिसमें वृक्ष फलों और फूलों से लद जाते हैं और इसी विशिष्टता के चलते इस माह को अप्रैल नाम दिया गया.
हालांकि इस वर्ष नवसृजन का प्रतीक यह माह कोरोना के भय के बीच आया है, अंग्रेजी नववर्ष के हिसाब से भी देखा जाए तो जनवरी से ही यह महामारी चीन में अपने पैर पसार चुकी थी और फिर वहां से यह सभी देशों में चली आई और फिलवक्त यह तमाम विश्व में खौफ का पर्याय बनी हुयी है. वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन के आगाह पर लगभग सभी देशों को लॉकडाउन कर दिया गया है.
आइयें जानते हैं कैसे महामारी के इस दौर में अपने स्वास्थ्य का रखें ख्याल, कैसे बीमारियों को खुद से दूर रखें और कैसे अप्रैल माह में बदलते मौसम के बीच खुद को रखें फिट एंड फाइन.
1. अप्रैल में जलवायु परिवर्तन –
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार मार्च से ही ग्रीष्म ऋतु का आगमन हो जाता
है और उत्तर भारत के अधिकतर राज्यों में मार्च से ही सूर्य की कर्क रेखा की ओर बढ़त
के साथ ही तापमान में भी वृद्धि होने लगती है. सामान्यत: अप्रैल माह में तापमान 30
डिग्री सेल्सियस से ऊपर ही रहता है, जिसमें बढ़त निरंतर जारी रहती है, वहीं दक्षिणी
भारत में हालांकि तापमान तो अधिक रहता है, परन्तु प्रायद्वीपीय स्थिति के चलते मौसम
मृदु बना रहता है.
वहीँ परंपरागत रूप से छ: ऋतुओं में विभाजित भारतीय
मौसम चक्र के अंतर्गत चैत्र माह को बसंत ऋतु का ही अंतिम माह माना जाता है. चरक संहिता के
कथनानुसार शिशिर ऋतु को उत्तम बलवाली, बसंत ऋतु को मध्यम बलवाली और ग्रीष्म ऋतु को दौर्बल्य
वाली ऋतु माना गया है.
चूंकि अप्रैल में तापमान अधिकता से बढ़ता है, इसलिए इसे
ग्रीष्म ऋतू के अंतर्गत ही सम्मिलित किया जा सकता है. ग्रीष्म ऋतु में गरम जलवायु शरीर
में पित्त एकत्र करती है और प्रकृति में होने वाले परिवर्तन शरीर को प्रभावित करने
लगते हैं.
गर्मी के बढ़ने से शरीर की धातुएं भी क्षीण होने लगती है, सूर्य की प्रखर
किरणें शारीरिक ऊर्जा को सोखने का कार्य करती हैं, जिससे थकान और कमजोरी महसूस
होना सामान्य है. अप्रैल माह में विशेष रूप से गर्मी बढ़ने के साथ साथ ही धूल भरी
आंधी भी चलने लगती है, मौसम में होने वाले इस बदलाव से होने वाले प्रभाव इस प्रकार
हैं..
1. मौसम बदलने के साथ ही वातावरण में वायरस सक्रिय हो जाते
हैं.
2. वायु में बैक्टीरिया के कण बड़ी मात्रा में उत्पन्न होते हैं,
जो तेज हवा चलने से धूल के अन्य कणों के साथ ही शरीर में प्रवेश करने लगते हैं.
3. तापमान बढ़ने से शरीर में पित्त की मात्रा भी बढती है, जो प्रतिरोधक क्षमता
को धीमा कर देती है और वायरल इन्फेक्शन होने की आशंका बढ़ जाती है.
2. मौसमी फल एवं सब्जियां -
जिस प्रकार मौसम में परिवर्तन होता है उसी प्रकार हमें भी अपनी जीवनशैली व
खानपान में परिवर्तन करना पड़ता है. सर्दियों के मौसम के बाद गर्मियों का आरंभ होने
लगता है. इसी कारण शरीर में पोषक तत्वों का अभाव होने लगता है, जिससे शरीर से जल
की मात्रा भी कम होने लगती है तो इसी लिहाज से गर्मियों में जलतत्व से भरपूर
सब्जियों व ठंडे तासीर वाले फलों को अपने डायट चार्ट में शामिल किया जाता है.
जिससे शरीर में जल की आपूर्ति भी होती रहे और साथ ही आवश्यक पोषक तत्व भी शरीर को
प्राप्त होते रहें.
करेला - विभिन्न पोषक तत्वों से भरपूर करेला सम्पूर्ण भारत में सब्जी व अचार के रूप में प्रयोग में लाया जाता है. करेला स्वाद में बेहद कड़वा होता है परन्तु यह स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी है.
लौकी/घीया – भरपूर मात्रा में जलतत्त्व से परिपूर्ण लौकी ज्यादातर लोगों को खाने में पसंद होती है. गर्मियों में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होने वाली लौकी से लोग विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाते हैं, जैसे लौकी की भाजी, लौकी का रायता, नवरात्रि व्रत में खाई जाने वाली लौकी की खीर व बर्फी इत्यादि.
खीरा - शरीर की आन्तरिक तपन को शांत करने में खीरा सर्वाधिक सहायक होता है. जिसे केवल भारत में ही नही अपितु सम्पूर्ण विश्व में लोग प्राय: 12 महीने सलाद के रूप में प्रयोग करते हैं, परन्तु अप्रैल माह से यह ताजा व सरल रूप से बाज़ार में उपलब्ध होता है.
कद्दू/सीताफल – गर्मियों के दिनों में सर्वाधिक रूप से प्रयोग में लाया जाने वाले कद्दू में पोटेशियम व फाइबर की मात्रा प्रचुर रूप से होती है. भारत में लोग प्राय: कद्दू को सब्जी बनाने के साथ-साथ, सूप आदि के रूप में भी सेवन करते है.
तोरई – तोरई जिसे ‘तुरई’ व ‘तुरूई’ के नाम से भी जाना जाता है. यह सर्वत्र भारतवर्ष में सब्जी के रूप में प्रयोग की जाती है. आयुर्वेद के अनुसार यह पित्त व कफ़ दोष को समाप्त करती है. तराई को सब्जी, सूप, चटनी अथवा रायते के रूप में प्रयोग में लाया जाता है. .
बेल - बेल अथार्त वुड एप्पल आध्यात्मिक दृष्टि से पूजनीय होने के साथ-साथ औषधीय गुणों से भी भरपूर है. कफनाशक प्रवृति होने के कारण बेल पेट के लिए पूर्ण रूप से औषधि का कार्य करता है. बेल का जूस गर्मियों में शरीर को तरोताजा बनाये रखने में बेहद लाभप्रद है.
संतरा – स्वास्थवर्धक गुणों से भरपूर संतरे में विटामिन सी की प्रचुर मात्रा होती है. रक्तशोधक व शक्तिवर्धक संतरे का लोग फल के रूप में तो सेवन करते ही हैं साथ ही इसे जूस, स्मूदी के तौर पर भी गर्मियों में शरीर को शीतलता देने में प्रयोग किया जा सकता है.
आम – फलों के राजा का ताज सर पर पहने आम में निहित पोषक तत्त्व हमारे शरीर के लिए बेहद उपयोगी होते हैं. आम एक ऐसा फल है, जिसकी भारत में विभिन्न किस्में उपलब्ध होती है. केवल भारत में ही नही यह फल सम्पूर्ण विश्व में अपने स्वाद के लिए प्रसिद्ध है. आम केवल फल के ही रूप में नही अपितु आमरस, लस्सी, शेक, एवं आम पापड़ के लिए भी लोगों के मध्य लोकप्रिय है.
अंगूर – अपने खट्टे-मीठे स्वाद से लोगों के बीच प्रसिद्ध अंगूर मात्र फल ही नही अपितु एक आयुर्वेदिक औषधि के रूप में भी जाना जाता है. इसके सेवन से शरीर गर्मियों में भी तरोताजा बना रहता है.
3. योगासनों द्वारा पाएं उत्तम स्वास्थ्य
चैत्र माह से तापमान में तपिश होने लगती है, इसलिए प्राणायाम व कुछ योगासनों से शरीर को आन्तरिक ठंडक प्रदान की जा सकती है. व्यायाम हमारी जीवनशैली का महत्वपूर्ण अंग माना गया है और योगाभ्यास द्वारा शरीर की इम्युनिटी में भी वृद्धि की जाती है, जिससे शरीर विभिन्न रोगों से लड़ने में सक्षम हो सके. इसी दृष्टिकोण से हमें स्वस्थ शरीर व गर्मी से राहत पाने के लिए ऋतुचर्या के अनुसार प्राणायाम व आसनों को उपयोग में लाना चाहिए :
शीतली प्राणायाम अर्थात शरीर को शीतलता प्रदान करना. इसके लाभ इस प्रकार हैं..
1. इस प्राणायाम के माध्यम से व्यक्ति तनावमुक्त होता है.
2. शरीर के तापमान को नियंत्रित रखने के लिए यह बेहद उपयोगी होता है.
3. यह प्राणायाम त्वचा एवं नेत्र सम्बन्धी रोगों के लिए भी लाभदायक है.
भ्रामरी प्राणायाम
भ्रमर की भांति स्वर निकाल कर करने वाले प्राणायाम को भ्रामरी प्राणायाम की
संज्ञा दी गयी है.
1. इसके नियमित रूप से अभ्यास करने से व्यक्ति तनाव मुक्त होता है.
2. इसके द्वारा स्वच्छ वायु का शरीर में प्रवेश होता है.
3. मस्तिष्क में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ने से शरीर को स्वाभाविक शीतलता प्राप्त होती है.
श्वासों को साधने के लिए किया जाने वाले इस प्राणायाम के अनगिनत लाभ हैं,
जिनमें से कुछ प्रमुख इस प्रकार है..
1. इस प्राणायाम के द्वारा व्यक्ति अपने शरीर की ऊर्जा प्रणाली को सुचारू रूप
से संचालित करने में सहायक होता है.
2. इसके अभ्यास से कुछ ही समय में व्यक्ति का मन स्थिर व शांत होता है.
3. अनुलोम विलोम प्राणायाम से तनाव व थकान से भी राहत मिलती है.
4. यह शरीर के तापमान को नियंत्रित रखने में भी कारगर सिद्ध होता है.
मुख से “ओ” का आकार बनाकर साँस लेने से जीभ के द्वारा शीतल वायु शरीर के अंदर
प्रवेश करती है, इसी प्रक्रिया को शीतकारी प्राणायाम कहा जाता है.
1. इस प्राणायाम के माध्यम से व्यक्ति को गर्मी से राहत मिलती है.
2. मुंह को खोलकर तथा जीभ को बाहर निकाल कर मुंह के द्वारा गहरी साँस लेने से ठंडी हवा का शरीर में समाहित होती है, जो गर्मी के लिए बेहद उपयोगी होता है.
चैत्र के दिनों में शरीर के तापमान में बेहद वृद्धि हो जाती है जिसे नियंत्रित
करने में सर्वांगासन बेहद उपयोगी होता है.
1. इस आसन के द्वारा रक्त प्रवाह मस्तिष्क की ओर हो जाता है, जो शरीर के
प्रत्येक अंग के लिए लाभकारी होता है.
2. इस आसन के नियमित अभ्यास से व्यक्ति के सभी रोग समाप्त होने लगते हैं.
विशेष नोट - उच्च रक्तचाप व सर्वाइकल के रोगियों को इसे न करने की सलाह दी जाती है.
4. क्या होती है प्रतिरक्षा प्रणाली
किसी भी जीव के शरीर में होने वाली जैविक प्रक्रियाओं के समूह को उसकी प्रतिरक्षा प्रणाली के रूप में जाना जाता है, जिसका कार्य किसी भी बाहरी रोगजनक तत्व या नियोप्लास्टिक कोशिकाओं की पहचान करना और फिर उन्हें समाप्त करना होता है, जिससे इन रोगजनकों से होने वाले रोगों से शरीर की रक्षा हो सके. इस बाहरी रोगजनक तत्वों में विषाणु, वायरस, बैक्टीरिया, परजीवी कृमि आदि सम्मिलित होते हैं. इन रोगजनकों की पहचान करना बेहद मुश्किल काम है, जिसके लिए हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर से पोषक तत्व ग्रहण करती है. यह सभी जीवों जैसे मानवों, जंतुओं, पक्षियों, पौधों, वृक्षों आदि में प्राकृतिक रूप से पाई जाती है.
5. इस तरह बढ़ाये अपनी इम्युनिटी पॉवर
Covid-19 या नोवल कोरोनावायरस एक वैश्विक महामारी के रूप में देखा जा रहा है, जिससे चीन, अमेरिका, इटली, स्पेन, ईरान, फ़्रांस सहित दुनिया के लगभग सभी देश त्रस्त हैं. लाखों लोगों को प्रभावित कर रहा यह वायरस अब तक हजारों जानें ले चुका है. भारत में इससे प्रभावित लोगों की संख्या (2 अप्रैल, 2020 तक) 2000 का आंकड़ा पार कर चुकी है और लगभग 50 लोगों की जान इससे जा चुकी है.
Covid-19 से बचने के लिए कोई भी एंटीडॉट या दवा अब तक नहीं बनी है और जितने भी लोगों ने इससे रिकवरी की है वह अपनी बेहतर इम्युनिटी के दम पर. कोरोना से मरने वाले लोगों के आंकड़ों पर गौर करें तो उनमें बुजुर्गों और विभिन्न रोगों (जैसे डायबीटीज, ह्रदय रोग, थायरोइड, हाइपरटेंशन आदि) से ग्रसित लोगों की संख्या अधिक है. इसलिए यह बेहद जरुरी हो जाता है कि हमारी इम्यून क्षमता मजबूत हों ताकि किसी भी रोग से हम लड़ सकें. आगे दिए गए कुछ उपायों से हम अपनी इम्युनिटी को बूस्ट कर सकते हैं..
1. विटामिन सी युक्त आहार जैसे संतरा, आंवला, नींबू, पपीता, अमरुद, पालक, अखरोट, तुलसी के पत्ते आदि का सेवन अवश्य करें.
2. विटामिन ई और डी भी हमारी इम्युनिटी को बूस्ट करते हैं, इनमें मुनक्का, बादाम, पालक, ब्रोकली आदि सम्मिलित हैं. साथ ही प्रयास करें आप दिन में कुछ समय सूर्य की रोशनी भी प्राप्त कर सकें.
3. पोषक तत्त्वों के आलावा योग और प्रणायाम से भी इम्युनिटी बेहतर होती है, श्वसन तंत्र को सुचारू बनाने वाली प्रक्रिया अनुलोम-विलोम, भ्रामरी आदि के नियमित अभ्यास से आप स्वयं ही स्वस्थ और ऊर्जावान महसूस करेंगे.
4. पानी का सेवन अधिक करें, शरीर में वाटर लेवल संतुलित होने से भी आपकी प्रतिरोधक क्षमता सुचारू रूप से कार्य करती है.
5. गिलोय, तुलसी, अदरक, हल्दी, काली मिर्च जैसे आयुर्वेदिक तत्त्वों में एंटीबायोटिक, एंटीसेप्टिक, एंटी इंफ्लेमेटरी और जीवाणुरोधी गुण पाए जाते हैं, जो किसी भी बीमारी से लड़ने में बेहद कारगर सिद्ध होते हैं.
6. बेहतर आहार-विहार के साथ साथ सकारात्मकता से भरे विचार भी बेहद अहम हैं. अपनी सोच को पॉजिटिव रखें, प्रेरणादायक पुस्तकें पढ़ें, अच्छा संगीत सुने, अपनी हॉबी के अनुसार कोई कार्य करें या ऐसा कुछ भी जिससे आपको तरोताजा महसूस होता हो, वह एक्टिविटी अपनी दिनचर्या में जोडें.
6. ऐसे रहें कोरोना के कहर से सावधान
1. स्वयं को और अपने आस पास के वातावरण को स्वच्छ रखें, यहां हम आपको हर 2 मिनट में रगड़ रगड़ कर हाथ धोने और बार बार सेनिटाईज करने के लिए नहीं कहेंगे. लेकिन भोजन करने से पहले, भोजन बनाने से पहले, किसी भी बाहरी वस्तु को छूने के बाद आप जरुर हाथों को अच्छे से धोएं.
2. हालांकि लॉकडाउन के चलते अधिकतर लोग बाहर नहीं जा रहे हैं, लेकिन फिर भी किसी कारणवश यदि आप बाहर जाते हैं तो विशेष रूप से ध्यान दें. मास्क, ग्लोवस पहनकर ही बाहर जायें और घर आने के बाद इन्हें उतारकर गर्म पानी से धोने के बाद ही उपयोग में लाये.
3. कोरोना वायरस किसी भी सतह पर कुछ घंटों से कुछ दिनों तक जीवित रह सकता है, इसलिए बेहतर है कि बाहर से आये सामान को अच्छे से सेनिटाईज करें तभी उसका उपयोग करें.
4. सब्जियों और फलों का सेवन भी गर्म पानी से धोकर करें, चाहे तो पानी में नमक, बेकिंग पाउडर या सिरका डालकर उसमें कुछ समय सब्जियों व फलों को भिगोकर छोड़ दें.
5. यदि आपको बदलते मौसम से खांसी-जुखाम आदि की शिकायत है तो निरंतर मास्क का प्रयोग करें और बुखार होने पर तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें.
नमस्कार, मैं अमल कुमार आपके क्षेत्र का प्रतिनिधि बोल रहा हूँ. मैं क्षेत्र की आम समस्याओं के समाधान के लिए आपके साथ मिल कर कार्य करने को तत्पर हूँ, चाहे वो हो क्षेत्र में सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, समानता, प्रशासन इत्यादि से जुड़े मुद्दे या कोई सुझाव जिसे आप साझा करना चाहें. आप मेरे जन सुनवाई पोर्टल पर जा कर ऑनलाइन भेज सकते हैं. अपनी समस्या या सुझाव दर्ज़ करने के लिए क्लिक करें - जन सुनवाई.
चौतरफा खुशियां, मेले और चहल-पहल, यह सब भारत में त्योहारों की सबसे बड़ी पहचान है. हमारा देश त्योहारों का ही देश माना जाता है, जहां प्रत्येक धर...
Detailsशुभ दिवस की आपको मंगलकामनाएँ, आशा है आप जन एवं राष्ट्र हित में कार्य करते रहने में मेरा सहयोग देते रहेंगे....
Detailsशुभ दिवस की आपको मंगलकामनाएँ, आशा है आप जन एवं राष्ट्र हित में कार्य करते रहने में मेरा सहयोग देते रहेंगे....
Detailsशुभ दिवस की आपको मंगलकामनाएँ, आशा है आप जन एवं राष्ट्र हित में कार्य करते रहने में मेरा सहयोग देते रहेंगे....
Detailsजैन ग्रंथों के अनुसार चैत्र शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को जैन समाज के अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्म हुआ था, जिस कारण जैन धर्म के लोग इस दि...
Detailsसम्राट चंद्रगुप्त मौर्य फाउंडेशन के तत्वावधान में अखंड भारत निर्माता चक्रवर्ती सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य जी की जयंती के अवसर पर कल्याणपुर क्षे...
Detailsअप्रैल माह वैश्विक रूप से विविधता और नवऊर्जा का प्रतीक महीना है. मुख्यत: अप्रैल का नाम ग्रीक गॉडेस, एफ़्रोडाइट के नाम पर रखा गया है. रोमन कै...
Detailsभारतीय संविधान के शिल्पकार डॉ. भीमराव अंबेडकर जिन्हें बाबा साहेब के नाम से भी जाना जाता है, आज अर्थात 14 अप्रैल का दिन उनकी जन्म जयंती के रू...
Detailsभारतवर्ष विविधता से भरा एक देश हैं, जहां विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों के एक्तव के अनोखे दर्शन होते हैं. साथ ही विविधता से भरे उत्सवों से सज...
Detailsराम नवमी, भगवान श्री राम के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। हर्ष एवं उल्लास के इस पर्व के मनाए जाने का उद्देश्य है - हमारे भीतर "ज्ञा...
Detailsकानपुर में कॉंग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं के द्वारा शुक्रवार को ईसा पूर्व तीसरी सदी के महान शासक सम्राट अशोक की जयंती धूमधाम से मनाई गई। चं...
Detailsगैस, डीजल और पेट्रोल के बढ़ते दामों और लगातार बढ़ती महंगाई को लेकर आज लखनऊ में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के आह्वान पर कॉंग्रेस जनों ने विरोध...
Detailsशुभ दिवस की आपको मंगलकामनाएँ, आशा है आप जन एवं राष्ट्र हित में कार्य करते रहने में मेरा सहयोग देते रहेंगे....
Detailsया देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थितानमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:अर्थात जो देवी सब प्राणियों में शक्ति रूप से स्थित हैं, उनको नमस्...
Detailsआपसी सौहार्द, प्रेम और भाईचारे का संदेश देने वाले पवित्र माह रमज़ान की आप सभी को ढेरों मुबारकबाद। हमारे मुस्लिम भाई-बहनों के लिए रमज़ान का यह ...
Detailsमहादेवी वर्मा की गिनती हिन्दी कविता के छायावादी युग के चार प्रमुख कवियों के साथ की जाती है। महादेवी वर्मा अपने परिवार में कई पीढ़ियों के बाद...
Detailsगणेश शंकर विद्यार्थी भारतीय पत्रकार, स्वतंत्रता आंटोलन के कार्यकर्ता और भारतीय राष्ट्रीय सम्मेलन के नेता थे।वे भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में...
Detailsभारत माता के वीर सपूत जिन्होंने अपना सर्वस्व भारत की स्वतंत्रता के लिए समर्पित कर अपने प्राण दिए थे, स्वतंत्रता के लिए वतन पर कुर्बान होने ...
Detailsडाँ राम मनोहर लोहिया राष्ट्रवादी नेता हैं, जिन्हें समाजवाद का जनक भी कहा जाता है। स्वतंत्रता आंदोलन के बाद भी उन्होंने देश की राजनीति में ए...
Detailsभारत के सबसे महान कहलाने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शहीद भगत सिंह भारत देश की शान है, मात्र 23 साल की उम्र में उन्होंने अपने देश के लिए ...
Detailsआज बिहार अपना 106वां स्थापना दिवस मना रहा है। अंग्रेजी शासनकाल में बिहार बंगाल प्रांत का एक भाग था, जो 1912 में बंगाल प्रांत से अलग उड़ीसा रा...
Detailsभारतीय अमरीकी अन्तरिक्ष यात्री और अन्तरिक्ष शटल मिशन विशेषज्ञ कल्पना चावला 17 मार्च 1962 में भारत के करनाल, हरियाणा में जन्मी थी | अपने परि...
Detailsखुशियों, उमंगों और नवउल्लास का प्रतीक होली आप सभी के जीवन में नवरंगों का संचार करे और प्रेम के इस त्यौहार से सभी देशवासियों का जीवन मंगलमय ह...
Detailsप्रति वर्ष 8 मार्च को हम अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाते हैं। इसके मूल में जाकर देखें तो पाएंगे कि कैसे महिलाओं ने अपने हितों के लिए लंबी लड़...
Detailsउत्तर प्रदेश की राजनीति में अपना विशेष स्थान बनाने वाले और उसके निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाले पंडित गोविंद बल्लभ पंत यूपी के पहले मुख्...
Detailsकर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।सदा बसन्तं हृदयारबिन्दे भवं भवानीसहितं नमामि।।अथार्त वह जो गौर वर्ण लिए हुए हैं, जो साक्षात्...
Detailsस्वामी दया नन्द सरस्वती के बचपन का नाम 'मूलशंकर' था। 'वेदों की ओर लौटो' प्रमुख नारा बनाए हुए दयानन्द जी ने मुंबई में आर्यसमाज की स्थापना क...
Detailsहिन्दू कैलंडर के अनुसार माघ महीने की पूर्णिमा तिथि को काशी जन्में संत रविदास ने जन जन को भेदभाव रहित जीवन जीने का संदेश दिया था। "मन चंगा तो...
Detailsभारतीय जनता पार्टी द्वारा संसद में विपक्ष में चुनी गयी पन्द्रहवीं लोकसभा प्रतिपक्ष नेता सुषमा स्वराज जी एक सफल राजनीतिज्ञ थी जिन्होंने अपने...
Details25 सितम्बर को भारतीय राजनीति के अंतर्गत संस्कृति के वाहक रहे पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्मदिवस मनाया जाता है. भारतीय जनता पार्टी के राजनीति...
Detailsभारत रत्न से सम्मानित , भारत के पहले मुस्लिम राष्ट्रपति डॉ ज़ाकिर हुसैन का जन्म 8 फरवरी, 1897 ई. में हैदराबाद, तेलंगाना में हुआ | उच्च शिक्षा...
Detailsसीमाप्रांत और बलूचिस्तान के महान राजनेता, खुदाई खिदमतगार संगठन के संस्थापक खान अब्दुल गफ्फार खान का जन्म 1890 में पेशावर, पाकिस्तान में हुआ ...
Detailsप्रत्येक वर्ष माघ मास के शुक्लपक्ष की पंचमी तिथि को विद्या की देवी सरस्वती का प्राकट्य दिवस मनाया जाता है, जिसे बसंत पंचमी के रूप में समस्त ...
Detailsभारतीय अमरीकी अन्तरिक्ष यात्री और अन्तरिक्ष शटल मिशन विशेषज्ञ कल्पना चावला 17 मार्च 1962 में भारत के करनाल, हरियाणा में जन्मी थी | अपने परि...
Detailsनिरंतर विकास जीवन का नियम है, और जो व्यक्ति खुद को सही दिखाने के लिए हमेशा अपनी रूढ़िवादिता को बरकरार रखने की कोशिश करता है वो खुद को गलत स्...
Detailsराजेंद्र सिंह का जन्म 29 जनवरी को हुआ था, वो बचपन से ही दिलेर थे। प्राइमरी की शिक्षा पूरी होने पर इन्हें डीएवी कॉलेज लाहौर में भेज दिया गया।...
Detailsजॉर्ज फ़र्नान्डिस एक भारतीय राजनेता थे। वे श्रमिक संगठन के भूतपूर्व नेता, तथा पत्रकार थे। वे भारत के केन्द्रीय मंत्रिमण्डल में ऱक्षा मंत्री,...
Detailsलाल, बाल, पाल त्रयी के मजबूत आधारभूत स्तंभ लाला लाजपत राय भारत के उन चुनिंदा स्वतंत्रता सेनानियों में आते हैं, जिन्होंने संघर्ष को भारत माता...
Detailsकानपुर की कल्यानपुर विधानसभा के विभिन्न वार्डों में गणतंत्र दिवस का समारोह बेहद उत्साह व उमंग के साथ सादगी से मनाया गया। यहां कॉंग्रेस के वि...
Detailsहमारा गणतंत्र दिवस भारत वर्ष के लिए स्वर्ण दिन माना जाता है, क्योंकि इस दिन हमारा भारत एक पूर्ण लोकतान्त्रिक गणराज्य बना था. इससे पूर्व हम आ...
Details"तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हे आजादी दूंगा" का नारा देकर भारत की आजादी की भावना को नई शक्ति, नया प्राण और दिशा देने वाले महान स्वतंत्रता सेनान...
Detailsआज हम सिखों के दसवें गुरु गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती मना रहे हैं। आप सभी देशवासियों को गुरु गोबिंद सिंह जयंती की लख लख बधाईयां। 22 दिसम्बर...
Detailsधर्म की रक्षा के लिए हर सुख का त्याग करने वाले उस अमर बलिदानी वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जी की पुण्यतिथि के अवसर पर कुठ अहम बाते जानते है। ...
Detailsसूर्योपासना के प्रमुख त्यौहार मकर संक्रांति के पावन अवसर पर कानपुर की कल्यानपुर विधानसभा के अंतर्गत विभिन्न स्थानों पर खिचड़ी के प्रसाद का वि...
Detailsमकर संक्रांति, जिसे देश भर में विभिन्न विभिन्न नामों के साथ मनाया जाता है। उत्तर प्रदेश में जहां इस दिन को मकर संक्रांति या खिचड़ी संक्रांति ...
Detailsपंजाब, हरियाणा और दिल्ली सहित देश के अन्य हिस्सों में धूमधाम से मनाया जाता है लोहड़ी का त्यौहार, जिसे फसल कटाई के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।...
Detailsप्रति वर्ष 12 जनवरी के दिन स्वामी विवेकानंद का जन्मदिवस समस्त भारतवर्ष में राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन आधुनिक भारत ...
Detailsकानपुर में कॉंग्रेस को लगातार मजबूती देते हुए और संगठन के महिला सशक्तिकरण अभियान को प्रगति देते हुए आज कल्याणपुर विधानसभा क्षेत्र के काकादेव...
Details